किशोर वाधवानी द्वारा एक साल में 512 करोड़ रुपए की कर चोरी

इंदौर
अवैध गुटखा और सिगरेट के कारोबार में 512 करोड़ रुपए की कर चोरी करने वाले किशोर वाधवानी के परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा भी सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) की जांच के दायरे में दिल्लगी नामक सुपारी का ब्रांड भी आया है। इस ब्रांड पर भी टैक्स के 150 करोड़ रुपए बकाया है। जांच में इस बात का पता चला है कि यह सुपारी किशोर वाधवानी परिवार के सदस्यों द्वारा ही बनाई जा रही थी।
ऑपरेशन कर्क के तहत डीजीजीआई द्वारा शहर के गुटखा-सिगरेट के रिटेल व थोक कारोबारियों से भी पूछताछ की जा रही है। इस मामले में पूछताछ के लिए कई कारोबारियों को समंस जारी किया गया है। मामले में जांच के लिए डीजीजीआई की एक टीम महाराष्ट्र भी पहुंची। लगभग 1.5 साल पहले महाराष्ट्र में सिगरेट व गुटखे की अवैध खेप पकड़ी गई थी। उस मामले में संजय माटा का नाम सामने आया था लेकिन बाद में मामला रफा-दफा कर दिया गया।
एमएसएस फूड्स के नाम से रजिस्टर्ड है दिल्लगी सुपारी
डीजीजीआई द्वारा सुपरी ब्रांड दिल्लगी की भी जांच की जा रही है। सुपारी का यह ब्रांड एमएसएस फूड्स के नाम से रजिस्टर्ड है। नितेश वाधवानी, पूनम वाधवानी और अन्य इस कंपनी के निदेशक है। इस ब्रांड पर साल 2011 में कार्रवाई की गई थी। कंपनी पर 150 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है। जांच में इस बात के भी सबूत मिले हैं कि सुपरी के नाम पर इस कंपनी द्वारा सिगरेट व गुटखा का कारोबार करता था।