तीन महीना के बाद छुट्टी मिलेगा तो आ जाएंगे, मेरा बाबू शहीद हो गया

समस्तीपुर
गलवान में चीन की मक्कारी का शिकार हुए शहीद जवानों में 16 बिहार रेजिमेंट के सिपाही अमन कुमार सिंह भी शामिल थे. अमन कुमार सिंह समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड स्थित सुल्तानपुर पूरब गांव के रहने वाले थे.
मंगलवार की रात 9 बजे शहीद के पिता सुधीर सिंह को कमांडिंग ऑफिसर ने मोबाइल पर लद्दाख से उनके पुत्र के सर्वोच्च बलिदान की जानकारी दी. ये खबर मिलते ही अमन कुमार के गांव में मानो वज्रपात हो गया. अमन कुमार सिंह को 2014 के नवंबर में बिहार रेजिमेंट में नौकरी मिली थी. अमन कुमार पिछले 3 महीने से लेह-लद्दाख में चीन बॉर्डर के पास तैनात थे.
पिछले साल हुई थी शादी
शहीद अमन की शादी पिछले साल ही पटना के राना विगहा बाढ़ में हुई थी. अमन की पत्नी इस खबर को सुनकर बदहवाश हैं. उन्होंने रोते-रोते बताया कि फरवरी में यहां से गए थे और बोल कर आए थे मई में फिर आएंगे.
लद्दाख में मेरा बाबू शहीद हो गया
अमन की मां दहाड़ें मार मारकर रो रही है. उन्होंने रोते-रोते कहा, "25-26 फरवरी को गया था और कहा था कि तीन महीना के बाद छुट्टी मिलेगा तो आ जाएंगे. लेकिन कोरोना के कारण ट्रेन बन्द हो गई. लद्दाख में जाकर मेरा बाबू शहीद हो गया. तीन महीने में क्या से क्या हो गया.
अमन के पिता सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि रात में यही दरवाजे पर बैठे थे, तभी मोबाइल पर कॉल आया. उधर से कहा गया कि आप अमन के पापा हैं. मैंने हां में जवाब दिया तो कहा गया कि अमन देश के लिए शहीद हो गया है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है इससे गर्व की और क्या बात हो सकती है. शहीद अमन का पार्थिव शरीर लद्दाख से गुरुवार को उनके पैतृक गांव में आएगा.