बीएससी (नर्सिंग) कोर्स में अजा, अजजा व पिछड़ा वर्ग को प्रवेश पर 5 प्रश छूटकी पात्रता बगैर राजपत्र में संशोधन खत्म किया जाना गलत – डा .गुप्ता

रायपुर
बीएससी (नर्सिंग) कोर्स के प्रवेश में अनु.जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को न्यूनतम अर्हता में 5 प्रतिशत छूट की पात्रता को गलत तरीके से खत्म कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सत्र 2020-21 में बीएससी नर्सिंग में प्रवेश हेतु आॅनलाईन आवेदन संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा मंगाया गया है। जिसमें बारहवीं बॉयो के साथ न्यूनतम 45 प्रतिशत है। न्यूनतम प्राप्तांक में किसी प्रकार का छूट अनु.जाति, अनु.जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को नही दिया गया है। जबकि 7 मई 2019 के छ.ग. राजपत्र 7 मई 2019 में स्पष्ट उल्लेखित है कि अनु.जाति, अनु.जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीद्वारों के लिए 5 प्रतिशत छृट अर्थात न्यूनतम प्राप्तांक 40 प्रतिशत है। इस तरह राजपत्र में स्पष्ट उल्लेख होने के बावजूद छ.ग. राज्य के अनु.जाति, अनु.जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के साथ अन्याय पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।
इस वर्ष राजपत्र में संशोधन किये बिना उसे डीएमई द्वारा हटा दिया गया है जब राजपत्र में संशोधन ही नही हुआ है, तो 21 अगस्त 2020 के विज्ञापन में 5 प्रतिशत छूट की पात्रता कैसे खत्म कर दी गयी? एक तरफ राज्य शासन द्वारा अनु.जाति, अनु.जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीद्वारों के लिए के उन्नयन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है वहीं संचालनालय चिकित्सा शिक्षा छग शासन द्वारा शासन के नीति निदेर्शों का उल्लंघन किया जा रहा है।चूंकि आॅनलाईन आवेदन प्रक्रिया में हैं, इसलिए अनु.जाति, अनु.जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को बी.एस.सी. नर्सिंग के न्यूनतम प्राप्तांक में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करेगें।
उक्त संदर्भ में डॉ राकेश गुप्ता, अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने टीएस सिंह देव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंचायत मंत्री, टीएस सिंहदेव, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण, संचालक चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए संज्ञान में लेने की मांग की है।