लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार ने गरीबों को दिए 65,454 करोड़ रुपये, जानें किसको क्या मिला

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत अभी तक 42 करोड़ से अधिक गरीबों को कोविड-19 संकट के दौरान 65,454 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने दी। सरकार ने 26 मार्च को महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत मुफ्त अनाज और नकद सहायता देने की घोषणा की थी। इस संदर्भ में मंत्रालय ने कहा कि पैकेज के क्रियान्वयन की केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है।
बयान में 19 जून तक इस दिशा में हुई प्रगति का ब्योरा देते हुए कहा गया है कि पीएम-किसान के 8.94 करोड़ लाभार्थियों को पहली किस्त के प्रारंभ में भुगतान के लिए 17,891 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं।
तीन किस्तों में महिला जनधन खाताधारकों के खातों में 30,952 करोड़ रुपये डाले गए हैं। पहली किस्त के रूप में 20.65 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों (100 फीसदी) के खातों में 10,325 करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 20.62 करोड़ खाताधारकों के खातों में 10,315 करोड़ रुपये और तीसरी किस्त में 20.62 करोड़ खाताधारकों के खातों में 10,312 करोड़ रुपये डाले गए हैं।
इसके अलावा 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों को दो किस्तों में 2,814.5 करोड़ रुपये की मदद दी गई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत भवन एवं निर्माण श्रमिकों को 4,312.82 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई है।
मंत्रालय ने कहा कि मई, 2020 में 36 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 72.83 करोड़ लाभार्थियों को 36.42 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। जून 2020 में 29 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 27.18 करोड़ लाभार्थियों को 13.59 लाख टन खाद्यान्न दिया गया है। तीन माह के लिए 5.8 लाख टन दालों का आवंटन किया गया है। इसमें से 5.68 लाख टन दालें विभिन्न राज्यों-संघ शासित प्रदेशों को भेजी जा चुकी हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत अप्रैल और मई, 2020 के लिए 8.52 करोड़ एलपीजी सिलिंडरों की बुकिंग और डिलिवरी की गई है। जून के लिए 2.1 करोड़ सिलिंडरों की बुकिंग हुई और अभी तक लाभार्थियों को 1.87 करोड़ सिलिंडर मुफ्त दिए जा चुके हैं।
मंत्रालय ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 20.22 लाख सदस्यों ने ऑनलाइन निकासी सुविधा का लाभ लिया है। इसके तहत इन सदस्यों ने 5,767 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह राशि उन्हें वापस नहीं लौटानी है।
जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत राज्यों से 30 फीसदी कोष खर्च करने को कहा गया है। यह राशि 3,787 करोड़ रुपये बैठती है। इसमें से 183.65 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।