संसदीय सचिव नियुक्ति को लेकर सदन में तकरार, नियमावली व अधिकार तय है – अकबर

रायपुर
मानसून सत्र का दूसरा दिन सदन के भीतर काफी गर्म रहा। संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में विपक्ष ने जमकर हल्ला बोला। कौशिक, बृजमोहन, अजय चंद्राकर सभी ने अलग अलग सवाल दागे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- भाजपा सरकार के संसदीय सचिव को लेकर कांग्रेस के लोग कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, फिर भी आपने नियुक्ति की, संसदीय सचिवों का क्या अधिकार है? इस पर जानकारी दी जानी चाहिए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने संसदीय सचिव की स्थिति को लेकर सर्कुलर जारी करने की मांग की। अजय चंद्राकर ने नियुक्ति पर सवाल उठाया।
विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब में कहा- उच्च न्यायालय के निर्देश आए हैं, उनका पालन किया गया है। विधायकों के अधिकार के बारे में नियमावली में है , संसदीय सचिव को उत्तर देने का अधिकार नहीं है। केवल सहायता के नियुक्त किया गया है। जो मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है उस पर चर्चा नहीं हो सकती। संसदीय सचिव को विधानसभा के कार्यों में मंत्रियों को सहयोग करना है। संसदीय सचिवों को मंत्रियों के साथ काम करना है उनका परिचय हो गया है।