2 साल की सीवरेज परियोजना 13 साल में भी पूरी नहीं हो पाई,सदन में फिर उठे सवाल

रायपुर
बिलासपुर में सीवरेज खुदाई में बरती गई लापरवाही का मामला समय-समय पर उठते रहा है लेकिन न तो कोई समाधान निकला और न ही परियोजना पूरी हो रही है। कोई न कोई नया अडंगा आ जाता है। विधानसभा में आज यह मामला फिर जोरशोर से उठा। सदन में पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा व बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने यह मुद्दा उठाया।
नगरीय प्रशासन मंत्री ने सीवरेज संबंधी प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि पूर्वर्ती शासनकाल में सीवरेज में बहुत गड़बडिय़ां हुई है हमारी सरकार ने उसमें सुधार किया है। मंत्री ने आश्वस्त किया कि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई होगी। सीवरेज परियोजना को 31 दिसम्बर 2021 तक पूरा करने कहा गया है।
लिखित प्रश्न में नगरीय प्रशासन मंत्री से पूछा गया था कि बिलासपुर सीवरेज परियोजना की अद्यतन स्थिति क्या है? एक जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 तक क्या कार्य किया गया है और सीवरेज परियोजना कब तक पूरी होगी?विधायक पांडेय के सवालों पर नगरीय प्रशासन मंत्री डा.शिव डहरिया ने बताया कि बिलासपुर सीवरेज परियोजना का निर्माण कार्य 1 जनवरी से 31 जुलाई तक बंद रहा। कार्य एजेंसी के जवाबदेही पर नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा केवल रखरखाव का कार्य किया गया। मंत्री ने बताया कि सीवरेज परियोजना की पूर्ण होने की संभावित तिथि 31 दिसम्बर 2021 है।
पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक सत्य नारायण शर्मा ने जानना चाहा कि बिलासपुर शहर में सीवरेज परियोजना कब से शुरू हुई और इसकी लागत क्या थी ? परियोजना की टेस्टिंग कब की गई ? कितने प्रतिशत सफल रही व इस परियोजना में कब कब और कितनी बार एक्सटेंशन मिली ? यह कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री ने बताया कि सीवरेज परियोजना अंतर्गत सीवर पाइप लाइन एवं सीवरेज पम्पिंग स्टेशन निर्माण कार्य 17 नवम्बर 2008 को तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य 19 जून 2009 को शुरू किया गया था। योजना की लागत राशि 295.81 करोड़ रुपये थी। परियोजना की टेस्टिंग 28 फरवरी 2019 से 20 अप्रेल 2019 तक 1.111 किमी की हाइड्रोलिक टेस्टिंग की गई है जिसमे 0.884 किमी सफल रही तथा 0.227किमी असफल रही । इस प्रकार किये गए हाइड्रो टेस्ट में 80 प्रतिशत सफल रही। टेस्टिंग का शेष कार्य किया जाना है। सीवरेज परियोजना को 31 दिसम्बर 2021 तक पूरा करने कहा गया है।
विधायक शैलेष पांडेय ने कहा 2 साल की सीवरेज परियोजना 13 साल में भी पूरी नहीं हो पाई है। 12 साल बाद टेस्टिंग करवाई गई। निर्माण कम्पनी ने 253 किमी पाइप डलवाई मगर टेस्टिंग सिर्फ एक किमी ही क्यों की गई, जबकि कम्पनी को 6 बार समयवृद्धि दी गई और 293 करोड़ की योजना के विरुद्ध 423 करोड़ खर्च किये गए । जिन अधिकारियों और ठेकेदारों ने योजना में गड़बड़ी की और योजना का संचालन सही नहीं किया उनके खिलाफ कार्रवाई हो। बिलासपुर की जनता ने सीवरेज को लेकर बहुत दुख और तकलीफ झेला है उनको न्याय मिलना चाहिए ।